छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” केवल नारा नहीं, बल्कि हमारा चरित्र, संस्कृति और संकल्प है — विवेक मोनू भंडारी

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” केवल नारा नहीं, बल्कि हमारा चरित्र, संस्कृति और संकल्प है — विवेक मोनू भंडारी

राजनांदगांव खबर योद्धा।।छत्तीसगढ़ की माटी सदा से प्रेम, सौहार्द और सहयोग की प्रतीक रही है। आज जब समाज के भीतर भेदभाव और वैमनस्य के स्वर सुनाई दे रहे हैं, तब यह प्रश्न उठता है —
क्या इसी तरह होगा — छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया?

भाजपा नेता विवेक मोनू भंडारी ने कहा कि हम चाहे किसी भी समाज, वर्ग या समुदाय से आते हों, पर यह अटल सत्य है कि हम सभी भगवान श्रीराम की ननिहाल — छत्तीसगढ़ की पवित्र भूमि पर रहते हैं।
हम प्रभु श्रीराम के अनुयायी हैं, हम सनातनी हैं, हम भारतीय हैं और गर्व से छत्तीसगढ़िया हैं। इस संस्कृति, आस्था और एकता का गर्व हमें सदैव अनुभव होना चाहिए।

 

मोनू ने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम सभी एकता के सूत्र में बंधकर अपने छत्तीसगढ़ को देश का सबसे समृद्ध, सशक्त और शांतिपूर्ण प्रदेश बनाएं।
हम आपस में लड़ने के बजाय नशे, भ्रष्टाचार और गलत कार्यों के विरुद्ध लड़ाई लड़ें, क्योंकि यही संघर्ष समाज को सही दिशा और नई पहचान देगा।

भंडारी ने कहा — “यदि हम एक-दूसरे के धर्म, परंपरा या आस्था को नीचा दिखाने लगें, तो क्या हम अपने प्रदेश या देश का भला कर पाएंगे?
कभी नहीं! ऐसे विचार समाज को कमजोर करते हैं और विकास की राह में बाधा बनते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती सदैव प्रेम, शांति और एकता की मिसाल रही है। यहाँ की माटी ने हमें सिखाया है कि भेद नहीं, एकता ही जीवन का आधार है।
समाज को तोड़ने वाले विचार हमारी संस्कृति और छत्तीसगढ़ महतारी की सीख के विरुद्ध हैं।
हमारा प्रदेश प्रेम और सौहार्द की पहचान है — यही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है।

भंडारी ने कहा कि हमारा राज्य अभी 25 वर्ष का युवा प्रदेश है, जहाँ से भविष्य की दिशा तय होती है। यदि आज हम बिखर गए, तो आने वाली पीढ़ियों को हम क्या सौंपेंगे?

उन्होंने कहा —
“अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण विकास और एकता के सपने के साथ किया था, और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उसी ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करने में जुटे हैं।
क्या हम इस अटल स्वप्न को कमजोर होने देंगे? बिल्कुल नहीं!”

अंत में विवेक मोनू भंडारी ने सभी नागरिकों से आह्वान किया —
“अब समय है कि हम सब मिलकर यह ठानें कि हम छत्तीसगढ़ की अस्मिता, एकता और विकास के पथ से कभी नहीं हटेंगे।
एकता ही शक्ति है — यही छत्तीसगढ़ की पहचान और हमारी जिम्मेदारी है।
आओ, फिर से मिलकर साबित करें — ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ केवल नारा नहीं, बल्कि हमारा चरित्र, संस्कृति और संकल्प है।

जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

 
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