छत्तीसगढ़ की माटी में प्रेम, अनुशासन और ममता में रची-बसी – प्रदीप मिश्रा  भीड़ में सक्रिय पॉकेटमार, श्रद्धालुओं से सतर्कता की अपील 

छत्तीसगढ़ की माटी में प्रेम, अनुशासन और ममता में रची-बसी – प्रदीप मिश्रा 

भीड़ में सक्रिय पॉकेटमार, श्रद्धालुओं से सतर्कता की अपील 

कवर्धा खबर योद्धा।। कबीरधाम जिले के ग्राम घुघरी खुर्द में चल रही शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन श्रद्धा और भक्ति का संगम देखने को मिला। कथा स्थल पर उमड़ी भीड़ ने पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया।

आज भगवान शिव ,पार्वती विवाह की कथा कही गई , भगवान शंकर के विवाह में भूत ,प्रेत सहित नाना प्रकार के बाराती भी शामिल हुए । 

 

 कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भारतवर्ष में यदि किसी राज्य को ‘मां’ का दर्जा मिला है तो वह केवल छत्तीसगढ़ है। उन्होंने कहा — “छत्तीसगढ़ की माटी में प्रेम, अनुशासन और ममता रची-बसी है। यही इस भूमि की सबसे बड़ी धरोहर है। छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया — यह केवल नारा नहीं, बल्कि इस राज्य की पहचान है।”

प्यार और उधार दोनों सोच-समझकर दे

कथा के दौरान महाराज ने जीवन व्यवहार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “प्यार और उधार दोनों सोच-समझकर ही देना चाहिए।” आज के समय में कुछ लोग दिखावे के मुखौटे में संबंधों में प्रवेश करते हैं और बाद में धोखा देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रेम और विश्वास अमूल्य हैं, इन्हें सीमित और योग्य व्यक्ति पर ही स्थापित करना चाहिए। विवेक ही सच्चे संबंधों की कसौटी है।

जलदान और नामदान — सरल मार्ग

महाराज ने कहा कि अतिथि को बिना पानी दिए विदा न करना भारतीय संस्कृति की पहचान है। “जलदान मनुष्य के भीतर सेवा और आदर भाव को जीवित रखता है।” उन्होंने बताया कि ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं’ कहकर अभिवादन करना नामदान की प्रक्रिया है, जिससे मन एकाग्र और ऊर्जा से भर जाता है। उन्होंने कहा कि “शिव को पाने के लिए किसी जटिल विधि की आवश्यकता नहीं, केवल एक लोटा जल और सच्चा मन ही पर्याप्त है।”

पशुपति व्रत से जीवन में परिवर्तन

कथा के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा भेजे गए पत्रों में पशुपति व्रत धारण करने के बाद जीवन में आए सकारात्मक परिवर्तनों का उल्लेख किया गया। किसी ने मानसिक शांति, तो किसी ने कठिनाइयों से मुक्ति का अनुभव साझा किया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं को मंच पर बुलाकर बिल्वपत्र भेंट किया और आशीर्वाद प्रदान किया।

 

व्यवस्था रही चुस्त, पुलिस और समिति का बेहतर समन्वय

कथा स्थल से लेकर शहर तक पुलिस प्रशासन की व्यवस्था सुदृढ़ रही। बाहर से आए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था की गई। आयोजन समिति द्वारा कथा स्थल से कुछ दूरी पर भोजन प्रसादी (भंडारा) की व्यवस्था भी की गई, जहां प्रतिदिन हजारों भक्त श्रद्धा से भोजन ग्रहण कर रहे हैं।

 

भीड़ में सक्रिय पॉकेटमार, श्रद्धालुओं से सतर्कता की अपील

आयोजन के बीच कुछ असामाजिक तत्वों की सक्रियता की सूचना मिली। श्रद्धालुओं ने बताया कि भीड़ का फायदा उठाकर पॉकेटमारी की घटनाएं हुईं, जिसमें एक श्रद्धालु का सोने का हार चोरी हो गया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कीमती आभूषण या बड़ी राशि साथ लेकर न आएं और सतर्क रहें।

जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

 
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