March 14, 2025

कवर्धा में जहरीले गुड़ का पर्दाफाश-मुनाफाखोरी के लिए पत्थर चूरा मिलाने की शर्मनाक साजिश 

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कवर्धा में जहरीले गुड़ का पर्दाफाश-मुनाफाखोरी के लिए पत्थर चूरा मिलाने की शर्मनाक साजिश 

 

कवर्धा खबर योद्धा।। कबीरधाम जिले के जंगलपुर गांव में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। मुनाफे की अंधी दौड़ में स्थानीय मां दुर्गा गुड़ उद्योग में पत्थर चूरा (स्टोन पाउडर) मिलाकर जहरीला गुड़ तैयार किया जा रहा था। यह गुड़ न केवल किडनी और लिवर को बर्बाद करने वाला था, बल्कि हजारों लोगों की जान को खतरे में डालने वाला था। शुक्रवार-शनिवार की रात फूड सेफ्टी डिपॉर्टमेंट की कार्रवाई में इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ।

छापे में क्या-क्या मिला?

 

जंगलपुर के इस गुड़ उद्योग पर छापे के दौरान 310 क्विंटल पत्थर चूरा और 23 क्विंटल मिलावटी गुड़ जब्त किया गया। यह पत्थर चूरा उत्तर प्रदेश से सीमेंट की बोरियों में भरकर मंगवाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इसका उपयोग गुड़ का वजन बढ़ाने के लिए किया जा रहा था।

 

जब्त पत्थर चूरा की कीमत करीब 2.83 लाख रुपए आंकी गई है। साथ ही, सैंपल लेकर लैब परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर मामला कोर्ट में पेश किया जाएगा।

 

 

कैसे हुआ खुलासा?

 

गुड़ उद्योग संघ के पदाधिकारियों को इस गोरखधंधे की भनक लगी थी। संघ ने फूड सेफ्टी डिपॉर्टमेंट को इसकी जानकारी दी। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात 2 बजे विभाग के अधिकारी जितेंद्र नेले ने अपनी टीम के साथ मां दुर्गा गुड़ उद्योग पर छापा मारा।

 

कार्रवाई के दौरान 620 बोरियों में पत्थर चूरा बरामद हुआ। यह जहरीला गुड़ बनाने के लिए स्टॉक किया गया था। इसके अलावा, 23 क्विंटल मिलावटी गुड़ भी जब्त किया गया, जो बाजार में बिक्री के लिए तैयार था।

 

 

 

स्वास्थ्य पर खतरनाक असर

 

विशेषज्ञों की मानें तो पत्थर चूरा के सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

 

किडनी और लिवर फेलियर: पत्थर चूरा शरीर के रक्त प्रवाह को बाधित कर किडनी और लिवर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है।

 

फेफड़ों का नुकसान: अगर यह श्वसन नली में फंसे, तो फेफड़े बुरी तरह डैमेज हो सकते हैं।

 

जानलेवा खतरा: मात्र 250 ग्राम पत्थर चूरा किसी भी व्यक्ति की जान लेने के लिए काफी है।

 

 

जब्त किए गए 310 क्विंटल पत्थर चूरा से तैयार मिलावटी गुड़ का सेवन करने से 1.24 लाख लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी।

 

मुनाफाखोरी के लिए गिरती नैतिकता

 

गुड़ उद्योग के संचालक हलधर चंद्रवंशी पर आरोप है कि उन्होंने पत्थर चूरा मिलाकर वजन बढ़ाने के लिए इसे गुड़ में मिलाया। यह मुनाफाखोरी का सबसे अमानवीय रूप है।

फूड सेफ्टी डिपॉर्टमेंट ने संचालक से बॉन्ड भरवाकर स्टोन पाउडर की बोरियों को उनके सुपुर्द कर दिया है।

 

 

गुड़ उद्योग संघ का विरोध

 

जिला गुड़ उद्योग संघ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। संघ के अध्यक्ष हुतेन्द्र चंद्रवंशी ने कहा, “गुड़ में मिलावट करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है। संघ इस तरह के कृत्यों का सख्त विरोध करता है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता है।”

 

 

सरकारी व्यवस्था पर सवाल

 

जिले में 247 गुड़ उद्योग पंजीकृत हैं। इन्हें बैंक लोन और अन्य सुविधाएं भी दी गई हैं। बावजूद इसके, इस तरह की घटनाएं सरकारी निगरानी पर सवाल खड़े करती हैं। जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के महाप्रबंधक डीएल पुसाम ने कहा कि सभी पंजीकृत उद्योगों की जांच की जाएगी।

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जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

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