July 21, 2025

आरुग़ है क्लशा दाई आरुग़ बाती वो – भजन संध्या   भजन संध्या एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुईं पंडरिया विधायक भावना बोहरा पद्मश्री अनुज शर्मा और आरूग बैंड की प्रस्तुती में झूमे भक्त

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आरुग़ है क्लशा दाई आरुग़ बाती वो – भजन संध्या 

 भजन संध्या एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुईं पंडरिया विधायक भावना बोहरा

पद्मश्री अनुज शर्मा और आरूग बैंड की प्रस्तुती में झूमे भक्त

 

कवर्धा खबर योद्धा।। सोमवार को ग्राम रणवीरपुर में श्री शीतला माता प्राचीन मूर्ति के नूतन मंदिर प्रतिस्थापना के अवसर पर पद्मश्री अनुज शर्मा एवं आरूग बैंड द्वारा भव्य भजन संध्या के आयोजन में पंडरिया विधायक भावना बोहरा शामिल हुईं और ग्रामवासियों के साथ भजन संध्या में मातारानी के भक्तिमय गीतों का रसपान किया। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी और श्रद्धालुगण ने भजन संध्या में सहभागिता निभाई और माँ शीतला के नूतन मंदिर में दर्शन भी किये। ग्राम सेमरहा के बच्चों ने भी मंदिर में दर्शन कर भजन संध्या एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में मनमोहक भक्ति गीत की प्रस्तुती भी दी। इस अवसर पर राजनांदगांव सांसद श्री संतोष पाण्डेय जी ने भी मंदिर में दर्शन-पूजन किया और भजन संध्या एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर उपस्थित क्षेत्रवासियों को संबोधित कर बधाई व शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर भावना बोहरा ने कहा कि मातारानी की भक्ति से ओतप्रोत, श्रद्धा और ऊर्जा से परिपूर्ण इस संध्या ने सम्पूर्ण वातावरण को दिव्यता से आलोकित कर दिया। भाव-विभोर कर देने वाले भजनों ने मन को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति कराई। इस अवसर पर उन्होंने माँ शीतला के चरणों में नमन करते हुए जनकल्याण और छत्तीसगढ़ की सुख-समृद्धि की मंगलकामना की। उन्होंने कहा कि भजन संध्या एक आध्यात्मिक आयोजन है जिसमें भक्ति भजनों और गीतों के माध्यम से ईश्वर की भक्ति की जाती है। ऐसे आयोजन आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह आध्यात्मिक उन्नति का आधार है, भजन संध्या में भक्ति भजनों और कीर्तन के माध्यम से व्यक्ति ईश्वर के साथ गहरा संबंध स्थापित करता है। यह मन को शांति प्रदान करता है और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाता है। 

उन्होंने आगे कहा कि भक्ति भजन हमें मानसिक शांति प्रदान करता है, भजनों की मधुर धुनें और भक्ति भाव तनाव को कम करते हैं। यह ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है वहीं यह सामाजिक एकता का भी प्रतीक है जिसमें लोग एक साथ आते हैं, जिससे समुदाय में एकता और भाईचारा बढ़ता है। यह सामाजिक बंधनों को मजबूत करता है।

यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने का माध्यम है। इसमें पारंपरिक भजनों और संगीत के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर का प्रसार होता है। इसके साथ ही हमें नैतिक प्रेरणा, करुणा और सत्य के संदेश देते हैं, जो लोगों को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करते हैं। मातारानी के जगराते और भजन भगवान के प्रति हमारी प्रगाढ़ आस्था, विश्वास एवं भक्तिभावना का प्रेरणापुंज है जो हमारे व्यवहार एवं विचार में सकारात्मक प्रेरणा तथा उर्जा का संचार करता है। मैं इस भजन संध्या में पधारे समस्त क्षेत्रवासियों, जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठजनों एवं भक्तों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित करती हूँ जिनकी सामूहिक सहभागिता से नूतन मंदिर में माँ शीतला की प्राचीन मूर्ति की प्रतिस्थापना और भजन संध्या का भव्य आयोजन संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, वरिष्ठजन एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी एवं भक्तगण उपस्थित रहे।

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जितेन्द्र राज नामदेव

एडिटर इन चीफ - खबर योद्धा

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